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प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना (PM-KMY): जानें स्कीम से मिलने वाले लाभ एवं रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया के बारे में

Updated on 02nd June, 2025, By प्रशांत कुमार
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प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना (PM-KMY): जानें स्कीम से मिलने वाले लाभ एवं रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया के बारे में
भारत एक कृषि प्रधान देश हैं, जहाँ किसानों का देश की अर्थव्यवस्था से लेकर हमारे जीवन की मूलभूत आवश्यकता भोजन को पूरा करने में अहम् योगदान है। लेकिन पूरे मानव-जगत के जीवन एवं स्वास्थ्य के लिए जरुरी भोजन मुहैय्या कराने वाले किसान आजादी के इतने वर्षों बाद भी गरीबी से उबर नहीं पाए हैं। एक किसान के लिए कृषि तभी तक आर्थिक सबल देता है, जब तक उनकी श्रम करने की क्षमता हो, श्रम करने की शक्ति क्षीण होने के बाद सामान्य किसान के पास जमा-पूंजी नहीं होने की वजह से उनका बुढ़ापा अक्सर आर्थिक चुनौतियों से भर जाता है। किसानों की इस समस्या के मद्देनजर केंद्र सरकार ने वर्ष 2019 में प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना (PM-KMY) की शुरुआत की है।

पीएम किसान मानधन योजना (PM-KMY) क्या है?

प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना किसानों के लिए एक पेंशन स्कीम है, जो देश के लघु एवं सीमांत किसानों को वृद्धावस्था में फाइनेंसियल एवं सोशल सिक्योरिटी प्रदान करने के उद्देश्य से अनुमोदित की गयी है। इस योजना के अंतर्गत पात्र किसानों को 60 वर्ष की आयु के बाद हर महीने रूपये 3000 की पेंशन दी जाती है। यह एक स्वैच्छिक एवं अंशदान आधारित पेंशन योजना है। यानी इस योजना में एनरोल होने की कोई बाध्यता नहीं है, एवं किसानों को योजना के मैच्योरिटी तक एक निश्चित राशि का भुगतान करना होता है। उल्लेखनीय है कि सरकार द्वारा भी समान राशि पेंशन फंड में जमा की जाती है। किसानों की 60 वर्ष की आयु पूरी होने के बाद पेंशन का भुगतान भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) द्वारा प्रबंधित पेंशन कोष से किया जाता है।

पीएम किसान मानधन योजना कब शुरू की गई?

इस योजना की शुरुआत 12 सितंबर 2019 को की गई थी। यह किसान पेंशन स्कीम केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा चलाई जा रही है।

पीएम किसान मानधन योजना का प्रमुख उद्देश्य क्या है?

  • इसका उद्देश्य देश के सभी भूमिधारक लघु एवं सीमांत किसानों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना है।
  • इसका उद्देश्य वैसे किसानों को आर्थिक सहायता पहुँचाना है जिनके पास बहुत कम या कोई बचत नहीं होती है एवं बुढ़ापे में उनके पास आजीविका का कोई स्रोत भी नहीं होता है।
  • इस योजना का उद्देश्य योग्य सभी लघु एवं सीमांत किसानों को 3,000 रुपये की निश्चित पेंशन प्रदान करना है।

पीएम किसान मानधन योजना के लिए पात्रता मानदंड क्या हैं?

2 हेक्टेयर तक की खेती योग्य भूमि वाले छोटे एवं सीमांत किसान इस योजना के लिए पात्र हैं। वहीँ, किसान की आयु 18 से 40 वर्ष के बीच होनी चाहिए एवं उनका नाम 01/08/2019 तक राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के भूमि रिकॉर्ड में दर्ज होना चाहिए। किसान के पास आधार कार्ड एवं बचत बैंक खाता/पीएम-किसान खाता होना चाहिए।

पीएम किसान मानधन योजना के लिए कौन से किसान नहीं कर सकते हैं आवेदन?

  • जिनके पास 5 एकड़ से अधिक कृषि भूमि है।
  • जो सरकारी या संगठित क्षेत्र की पेंशन योजना से जुड़े हुए हैं।
  • जिनकी उम्र 40 वर्ष से अधिक हो चुकी है।
  • इनकम टैक्स भरने वाले किसान भी इस योजना के पात्र नहीं हैं।

पीएम किसान मानधन योजना के लिए आवेदन कैसे करें?

जो किसान योजना का लाभ लेने के लिए निर्धारित अर्हता को पूरा करते हैं वे अपने राज्य के कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) के माध्यम से या राज्य या केंद्र शासित प्रदेश सरकारों द्वारा नियुक्त नोडल अधिकारी (पीएम-किसान) से संपर्क कर आवेदन कर सकते हैं। इस स्कीम के लिए रजिस्ट्रेशन आधिकारिक वेब पोर्टल के माध्यम से भी पूरा किया जा सकता है। अपना आधार कार्ड एवं IFSC कोड के साथ बचत बैंक खाता संख्या अपने साथ रख लें। इसके अतिरिक्त, बैंक खाते के प्रमाण के लिए अपना बैंक पासबुक / चेक बुक / बैंक स्टेटमेंट अपने साथ रखें। योजना में नामांकन हेतु लाभार्थी से किसी प्रकार का रजिस्ट्रेशन शुल्क नहीं लिया जाता है।

पीएम किसान मानधन योजना से जुड़े महत्वपूर्ण प्रश्न एवं उनके उत्तर

इस योजना से जुड़े किसानों के मन में बहुत तरह के सवाल उठ सकते हैं। हमनें नीचे उन सभी सवालों को समेटते हुए उनके उत्तर भी दिए हैं:

प्रश्न- क्या पति-पत्नी इस स्कीम का लाभ अलग-अलग ले सकते हैं?

उत्तर- हाँ! इस योजना के लिए पति-पत्नी अलग-अलग रजिस्ट्रेशन कर दोनों एक साथ इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।

प्रश्न- अगर स्कीम के लिए रजिस्ट्रेशन करने के बाद किसी लाभार्थी की बीच में ही मृत्यु हो जाए तो क्या होगा?

उत्तर- अगर 60 वर्ष की आयु पूरी होने के पहले किसान की मृत्यु हो जाती है एवं लाभार्थी के पति/पत्नी नहीं हो, तो ऐसी स्थिति में व्याज सहित कुल अंशदान नॉमिनी/नामित को दे दिया जाता है।

प्रश्न- सेवानिवृत्ति यानी 60 वर्ष पूरे होने के बाद किसान की मृत्यु हो जाने के बाद यदि पति-पत्नी इस स्कीम को जारी नहीं रखना चाहते हैं, तो क्या होगा?

उत्तर- इस कंडीशन में मृत किसान द्वारा जारी किया गया कुल अंशदान व्याज सहित उसके आश्रित पति-पत्नी को वापस कर दिया जाएगा।

प्रश्न- 60 वर्ष की आयु पूरी होने के पूर्व पति/पत्नी की मृत्यु के बाद पारिवारिक पेंशन कितना मिलेगा?

उत्तर- पारिवारिक पेंशन के रूप में अंशदान का 50% यानी 1500 रूपये प्रति माह दिया जाएगा।

प्रश्न- क्या किसान स्कीम को कुछ दिन चलाने के बाद इससे बाहर निकल सकते हैं?

उत्तर- हाँ! कभी भी किसान स्कीम को छोड़ सकते है। जिसके बाद उनके द्वारा जमा कराया गया अंशदान व्याज सहित उन्हें वापस कर दिया जाएगा।

पीएम किसान मानधन योजना के लिए कितनी होती है अंशदान राशि?

प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना के अंतर्गत पेंशन फंड में किसान और सरकार का योगदान बराबर का होता है. किसान के अंशदान की राशि इस बात पर निर्भर करती है कि वे कितने उम्र में इस योजना के लिए आवेदन कर रहे हैं. आइये विस्तार से नीचे दिए तालिका के माध्यम से जानते हैं किसान एवं सरकार के अंशदान के बारे में.

प्रवेश आयु

सदस्य की मासिक अंशदान

केंद्र सरकार की मासिक अंशदान

18 से 22 वर्ष

55 से 68 रूपये

55 से 68 रूपये

23 से 28 वर्ष

72 से 95 रूपये

72 से 95 रूपये

29 से 34 वर्ष

100 से 140 रूपये

100 से 140 रूपये

35 से 40 वर्ष

150 से 200 रूपये

150 से 200 रूपये

पीएम किसान मानधन योजना की वर्तमान स्थिति क्या है?

देश के सभी 28 राज्यों एवं 8 केंद्र प्रदेश के किसानों ने इस योजना के लिए नामांकन किया है, जिसमें बिहार सबसे टॉप पर है। बिहार के 3.5 लाख किसानों ने इस योजना के लिए रजिस्ट्रेशन किया है। बिहार के बाद झारखण्ड का स्थान दूसरे नंबर पर है, जहाँ के कुल 2.5 लाख किसानों ने रजिस्ट्रेशन किया है। उत्तर प्रदेश का स्थान तीसरे नंबर पर आता है। आइये नीचे तालिका में टॉप 10 राज्यों में रजिस्ट्रेशन करने वाले किसानों की संख्या को जानते हैं।

टॉप 10 राज्य

कैटेगरी

राज्य

बिहार

345319

झारखण्ड

253179

उत्तर प्रदेश

252136

छत्तीसगढ़

202776

ओडिशा

157463

जम्मू एवं कश्मीर

126594

मध्य-प्रदेश

117482

तमिलनाडु

110616

महाराष्ट्र

80505

कर्नाटक

68249

इस योजना के लिए रजिस्ट्रेशन करने वाले किसानों में अगर जेंडर अनुपात देखा जाए, तो इसके लिए अभी तक 1220769 पुरुषों ने एवं 759306 महिला किसानों एवं अन्य 6 ने रजिस्ट्रेशन किया है। वहीं अगर आयु सीमा के हिसाब से देखा जाए तो सबसे अधिक 26-35 आयु वर्ग के 969929 किसानों ने रजिस्ट्रेशन किया है, जो सबसे अधिक है। दूसरे नंबर पर 18 से 25 वर्ष के आयु वर्ग वाले 512862 किसानों ने रजिस्ट्रेशन किया है। वहीँ 36 से 40 वर्ष के 512862 किसानों ने प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना के लिए आवेदन किया है।

ट्रैक्टरकारवां की ओर से

प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना एक दूरदर्शी कदम है, जो न केवल किसानों के वर्तमान को सशक्त बनाता है, बल्कि उनके भविष्य को भी सुरक्षित करता है। यह योजना सरकार के ‘सबका साथ, सबका विकास’ के विज़न को दर्शाती है एवं यह किसानों को एक सम्मानजनक जीवन जीने देने की दिशा में सरकार का एक अहम् प्रयास है।

प्रशांत कुमार
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प्रशांत कुमार
प्रशांत कुमार ट्रैक्टर एवं कृषि क्षेत्र में रुचि रखने वाले एक अनुभवी हिंदी कंटेंट एक्सपर्ट हैं। लेखनी के क्षेत्र में उनका 12 वर्षों से अधिक का अनुभव है। उन्होंने इससे पूर्व में विभिन्न मीडिया हाउसेस के लिए काम किया है। अपने खाली समय में, वे कविता लिखना, पुस्तकें पढ़ना एवं ट्रेवल करना पसंद करते हैं।
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