अपना बैंक अकाउंट जल्द चेक करें, क्योंकि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की 20वीं क़िस्त सरकार द्वारा जारी कर दी गयी है। सरकार द्वारा दी गयी 20वीं किस्त सीधे करीब 9.26 करोड़ किसानों के खाते में ट्रांसफर किया गया है। उल्लेखनीय है कि इस योजना की राशि प्राप्त करने के लिए KYC पूरा किया जाना एक अनिवार्य शर्त रखा गया है, इस प्रकार जिन किसानों ने ई-केवाईसी एवं अन्य ज़रूरी प्रक्रिया पूरी कर ली थीं, उन्हें यह राशि मिल चुकी है। अगर किसी के खाते में पैसे अभी तक नहीं आए हैं, तो नजदीकी बैंक शाखा विजिट करें और अगर KYC प्रक्रिया पूरी नहीं हुयी है तो प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत जारी की गयी राशि को अपने खाते में प्राप्त करने के लिए जल्द ही पूरी करें।
उल्लेखनीय है कि इसी वर्ष फरवरी माह में इसकी 19वीं क़िस्त जारी की गयी थी। अब से 2 महीने बाद इस योजना के लाभार्थी सभी किसानों को इसकी 21वीं क़िस्त दी जाएगी।
PM-KISAN: केंद्र सरकार ने किसानों को आर्थिक सहायता दिये जाने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-KISAN) योजना शुरू की है। यह योजना पूरी तरह से केंद्र सरकार द्वारा वित्तपोषित है, यानी राज्य सरकार पर इस योजना पर होने वाले खर्च राशि का बोझ नहीं डाला गया है। इस योजना के तहत, योग्य किसानों को 4 महोने के अन्तराल पर 3 समान किस्तों में सालाना 6,000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी।
जनसंख्या के विकास के साथ-साथ खाद्यान्न की आपूर्ति का बोझ कृषि पर पड़ते गया, जिसने विज्ञान एवं तकनीक को आमंत्रण देने के साथ-साथ कृषि क्षेत्र में नए इनोवेशन को प्रेरित किया। इसी कड़ी में कृषि क्षेत्र में ट्रैक्टर का इंट्रोडक्शन था, जिसनें वर्तमान में अपने आप को कृषि के अभिन्न अंग के रूप में स्थापित कर लिया है। आज कृषि में बीज बुआई से लेकर खेतों से फसल ढुलाई तक के कृषि कार्यों में ट्रैक्टर मुख्य सहयोगी बनकर उभरा है। आज बड़े से लेकर छोटे एवं सीमांत किसान भी ट्रैक्टर से कृषि कार्य कर रहे हैं। जिसके कारण भारत में ट्रैक्टर की मांग तेजी से बढ़ रही है। ट्रैक्टर ने जहाँ कृषि कार्यों को आसान एवं किफायती बनाया, वहीँ इसका एक दूसरा पहलू भी है, जो इसके द्वारा हो रहे पर्यावरण का नुकसान है। ट्रैक्टर कार्बन मोनोऑक्साइड, नाइट्रोजन ऑक्साइड जैसे प्रदूषकों का उत्सर्जन करती है, जो पर्यावरण के साथ-साथ मानव स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक होता है। इसी समस्या को देखते हुए ट्रैक्टर के लिए भी उत्सर्जन मानदंड प्रभावी किए गए, जिसके हिसाब से ट्रैक्टर में भी तकनीकी बदलाव कर इसके द्वारा उत्सर्जक प्रदूषक को नियंत्रित किया जाता है।