आज हम इस लेख में एक ऐसी ही खेती के बारे में जानकारी देने वाले हैं, जो प्रतिकूल पर्यावरणीय स्थितियों में भी आपके लिए अनुकूल हो सकती है। थोड़ा इंतज़ार बस, यानी अगर आपमें 5 साल तक धैर्य रखने की क्षमता है तो आप थोड़ी सी मेहनत, थोड़ी सी इन्वेस्टमेंट से लाखों का आमदनी अर्जित कर सकते हैं। एक तरह से बिना इन्वेस्टमेंट की खेती इसे कह सकते हैं, क्योंकि ना आपको उर्वरक के प्रयोग की आवश्यकता है और ना किसी केमिकल के छिड़काव की जरुरत, बस फसल बोकर करना है 5 वर्षों का इंतज़ार। आइये थोड़ा सस्पेंस से पर्दा उठाते हैं, ये ऐसी फसल है जिसका हिंदी से ज्यादा इंग्लिश के नाम लोगों के बीच प्रचलित है। वो है यूकेलिप्टस (Eucalyptus)।
हम इस आर्टिकल में निम्न बिन्दुओं पर चर्चा करने वाले हैं:
हिंदी में यूकेलिप्टस (Eucalyptus) को नीलगिरी कहते हैं। लेकिन बोलचाल में इंग्लिश नाम ही ज्यादा प्रचलित है। लेकिन कहीं-कहीं सफेदा के नाम से भी प्रचलित है।
यूकेलिप्टस के पेड़ का उपयोग इंधन के रूप में किये जाने के साथ-साथ इनका उपयोग कागज़, चमड़ा, तेल, पेटियां, ईंधन, हार्ड बोर्ड, लुगदी, फर्नीचर, पार्टिकल बोर्ड और इमारतें आदि बनाने में किया जाता है। इसलिए बाजार में इसका बहुत मूल्य होता है।
यूकेलिप्टस की खेती भारत के साथ-साथ अमेरिका, यूरोप, अफ्रीका जैसे देशों में की जाती है। अगर प्रजाति की बात करें तो विश्वभर में 300 से भी अधिक प्रजातियाँ पायी जाती है। भारत में इसकी खेती उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश, गुजरात, बिहार, गोवा, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, केरल, पश्चिमी बंगाल, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों में वृहत पैमाने पर की जाती है। वैसे तो किसी भी मौसम में इसकी खेती की जा सकती है, लेकिन जून माह से अक्टूबर माह का समय इसके लिए सर्वोत्तम माना जाता है।
यूकेलिप्टस (Eucalyptus) के 300 किस्मों में से भारत में मुख्यतः 6 किस्मों (यूकेलिप्टस (Eucalyptus) निटेंस, यूकेलिप्टस (Eucalyptus) ऑब्लिक्वा, यूकेलिप्टस (Eucalyptus) विमिनैलिस, यूकेलिप्टस (Eucalyptus) डेलीगेटेंसिस, यूकेलिप्टस (Eucalyptus) ग्लोब्युल्स और यूकेलिप्टस (Eucalyptus) डायवर्सीकलर) की खेती की जाती है। सभी किस्मों के पेड़ काफी विशालकाय होते है। सामान्यतः यूकेलिप्टस (Eucalyptus) के पेड़ों की ऊँचाई 60 से 80 मीटर तक होती है।
एक हेक्टेयर, यानि अगर 4 बीघे के लगभग जमीन में हम यूकेलिप्टस (Eucalyptus) का पेड़ लगा कर 50 लाख रूपये से भी अधिक की आमदनी कर सकते हैं। 4 बीघे में हम 3000 से भी अधिक यूकेलिप्टस (Eucalyptus) के पेड़ लगा सकते हैं। पेड़ के परिपक्व होने पर एक यूकेलिप्टस (Eucalyptus) के पेड़ से 400 से 450 किलो तक लकड़ी प्राप्त होती है। अगर हम चार बीघे में लगायी 3000 पेड़ों से 400 को गुणा कर दें तो हमें 12 हजार किलो लकड़ी मिलेगी। बाजार में यूकेलिप्टस (Eucalyptus) की लकड़ी 6 रूपये किलो के भाव से आसानी से बिक जाती है। इस प्रकार 4 बीघे में यूकेलिप्टस (Eucalyptus) के लगाये 3 हजार पौधों से आप 72 लाख रूपये तक कमा सकते हैं।
आपके मन में अब सवाल यह आ सकता है कि आखिर इस कमाई देने वाली यूकेलिप्टस (Eucalyptus) की खेती करने के लिए पौधे कहाँ से लायें? तो आपको बता दें आप अपने आस-पड़ोस की किसी नर्सरी में जाकर यूकेलिप्टस (Eucalyptus)/सफेदा/नीलगिरी के पौधे प्राप्त कर सकते हैं। नर्सरी में यूकेलिप्टस के पौधे 6 से 8 रूपये तक में मिल जाते हैं।
वैसे तो यूकेलिप्टस (Eucalyptus) के पौधे को ज्यादा देखभाल की जरुरत नहीं पड़ती है, और यह किसी भी जलवायु में अपना विकास कर सकता है। कहें तो ये सदाबहार खेती है, जिसके लिए हर मौसम अनुकूल है। बस पौधे को लगाने के वक़्त थोड़ी देखभाल करने की जरुरत है। आइये जानते हैं, यूकेलिप्टस (Eucalyptus) के पौधे लगाने के लिए कैसे जमीन तैयार करें?
सबसे पहले आपको भूमि की जुताई करनी है। इसके लिए या तो आप पारंपरिक तौर पर प्रयोग किये जाने वाली पद्धति यानी हल-बैल की मदद से जुताई कर सकते हैं, या फिर अगर आपने एक हेक्टर या इससे अधिक जमीन में पौधे लगाने का सोचा है तो आप जुताई के लिए ट्रेक्टर का उपयोग कर सकते हैं। ट्रेक्टर से एक तो जुताई अच्छी होगी, दूसरी आपके समय की भी बचत होगी। गहरी जुताई करने के बाद पाटा लगाकर आपको जुताई की हुयी जमीन को समतल कर देना है। जुताई एवं खेत को समतल कर दिए जाने के बाद आपको 5 फीट की दूरी बनाते हुए गड्ढे तैयार करना है। गड्ढे की गहराई उस हिसाब से की जानी है ताकि पौधे की जड़ें अच्छी तरह से मिटटी डालने के बाद ढक जाए।
आपको यूकेलिप्टस के पौधे लगाने हैं, जो आपके नजदीक किसी भी नर्सरी में आसानी से उपलब्ध हो जाएगा।
जब यूकेलिप्टस (Eucalyptus) का पेड़ बड़ा हो जाएगा तो फिर आपको किसी भी प्रकार के देखभाल करने की जरुरत नहीं है, ये वातावरण के अनुकूल अपने को ढालते हुए आवश्यक जल और पोषक तत्व प्राप्त कर लेता है।
आपको बारिश के मौसम में यूकेलिप्टस (Eucalyptus) के पौधे की रोपाई करने की सलाह है, क्योंकि शुरुआत में इसे 40 से 50 दिन के अंतराल में पानी चाहिए होता है। सामान्यतः बारिश में इसके लिए पर्याप्त आवश्यक जल उपलब्ध हो जाता है। सामान्य मौसम में पेड़ के बड़े होने तक 50 दिन के अंतराल में पानी देने पर इसका विकास तीव्र गति से होता है। शुरूआती दिनों में एक बात और ध्यान रखनी है, जो है इसके आसपास किसी भी प्रकार के खरपतवार को पनपने से रोकना।