कृषि

चूहों के आतंक से परेशान हैं तो बुलाएं उल्लू, जानें कैसे करेगा ये चूहों से आपकी फसलों की रक्षा

Updated on 17th March, 2025, By प्रशांत कुमार
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चूहों के आतंक से परेशान हैं तो बुलाएं उल्लू, जानें कैसे करेगा ये चूहों से आपकी फसलों की रक्षा
प्राचीन काल से वर्तमान के तकनीकी एवं ग्लोबलाइजेशन युग में कृषि भारत की हमेशा से रीढ़ रही है, जिसपर देश की लगभग 70% आबादी आज भी निर्भर है। हमारे देश के किसान जीवन-यापन के लिए अन्न उपलब्ध कराने से लेकर देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

किसान का काम केवल खेतों में बीज बोने तक सीमित नहीं है, बल्कि फसल के अंतिम रूप से तैयारी करने तक फसल की बेहतर देखभाल में भी खुद को उन्हें झौंकना पड़ता है। किसानों के कार्यों में शामिल सही बीज का चुनाव, पर्याप्त सिंचाई की व्यवस्था, कीटनाशकों से बचाव जैसे फसल सुरक्षा से जुड़े विभिन्न समस्याओं के अलावे एक समस्या चूहों के आतंक से फसलों को बचाने का होता है। ये समस्या इस कारण और भी गंभीर हो जाती है, क्योंकि चूहों का आक्रमण फसलों के विकसित हो जाने के बाद होता है।

चूहे से फसल को बचाना क्यों आवश्यक है?

यदि किसान चूहों के आतंक से फसल को बचाने में असफल हो जाएं तो उनकी सारी मेहनत सारी उम्मीदों पर पानी फिर सकता है। ये आकार में तो छोटे होते हैं, लेकिन खेतों में इनका आतंक किसानों को एक बड़ी मुसीबत में डाल देता हैं। इसकी अत्यधिक संख्या एवं तेज़ी से फैलने की क्षमता के कारण, किसान की मेहनत का फल चूहों के हाथों नष्ट हो जाता है। इस आर्टिकल में हम इसी समस्या पर चर्चा करने वाले है कि कैसे किसान खेतों को चूहे के प्रकोप से बचा सकते हैं एवं अपनी मेहनत को बर्बाद होने से रोक सकते हैं।

चूहों के आतंक से फसल को बचाने के पारंपरिक तरीके क्या हैं?

किसानों द्वारा परंपरागत रूप से चूहों के आतंक से फसलों की रक्षा के लिए रासायनिक कीटनाशकों एवं जालों का उपयोग किया जाता रहा है, लेकिन ये विधियां महंगी एवं पर्यावरण के लिए हानिकारक हो सकती हैं।

चूहों के प्रकोप से फसल को बचाने के प्राकृतिक उपाय क्या है?

आज हम इस आर्टिकल में एक प्राकृतिक उपाय से किसानों को रूबरू कराने वाले हैं, जो फसलों एवं पर्यावरण पर बिना कोई बुरा प्रभाव डाले किसानों के इस समस्या का समाधान कर सकता है।

हमारे किसानों द्वारा फसलों की रक्षा के लिए कई उपाय किए जाते हैं, लेकिन क्या आपने कभी सुना है कि उल्लू, जो कि रात के अंधेरे में चुपचाप उड़ता है, खेतों की रक्षा करने में आपकी मदद कर सकता है? यह एक ऐसा तरीका है, जो न केवल प्राकृतिक है, बल्कि पर्यावरण के अनुकूल भी है। अगर आप सोच रहे हैं कि ये कैसे हो सकता है, तो आइए जानते हैं इस यूनिक टेक्निक के बारे में।

उल्लू का प्राकृतिक शिकार है चूहा

उल्लू, जिसे रात के राजा या रात के शिकारी के रूप में जाना जाता है, उनके प्राकृतिक शिकार चूहे होते है। उल्लू अपने रात्री दृष्टि एवं तेज़-तेज़ उड़ने की क्षमता के कारण खेतों में घात लगाकर चूहों का शिकार करता है। यह पक्षी चूहों की संख्या को नियंत्रित करने में मदद करता है, जिससे खेतों में फसलों का नुकसान कम होता है।

उल्लू को खेत की ओर आकर्षित करने के तरीके क्या है?

उल्लू को खेत की ओर आकर्षित करने के लिए किसानों को कुछ उपाय करने की जरुरत है, जिससे उल्लू एक सहयोगी की भूमिका निभाते हुए आपके फसल को चूहों के नुकसान से बचा सकें। आइये जानते हैं उन सरल तरीकों के बारे में, जिसे अपनाकर किसान उल्लू को अपने खेतों की ओर आकर्षित कर सकते हैं:

चूहों से बचाव के लिए खेत की तरफ उल्लू को आकर्षित करने के कुछ प्रभावी उपाय निम्नलिखित हैं:

  • उल्लू को खेत की तरफ आकर्षित करने के लिए सबसे पहला कदम है, उसे रहने के लिए उपयुक्त स्थान प्रदान करना। इसके लिए आप खेतों में बांस या लकड़ी के खम्भे मिट्टी में गाड़/टिका/लगा सकते हैं। खंबे की ऊँचाई फसल से 2 से 3 फीट ऊँची रखें।
  • किसानों को खेतों के आस-पास ऊँचें या घने पेड़ लगाने चाहिए, क्योंकि उल्लू ऊँचाई पर बैठना पसंद करते हैं।
  • यदि किसानों थोड़ी मेहनत कर सकते हैं, तो वे खेतों के आसपास लकड़ी के बक्से बनाकर उसमें उल्लू के रहने कृत्रिम घोसले बना सकते हैं।
  • बांस के लगाये गये खम्भों के टॉप पर पोलीथिन का एक छोर बाँध दें, ताकि हवा के चलने से वह आवाज उत्पन्न करे। इससे उल्लू आकर्षित होते हैं, क्योंकि इससे उल्लू को आसपास शिकार होने का अहसास होता है।
  • आप उल्लू की आवाज़ का रिकॉर्ड करके खेत में चला सकते हैं। उल्लू की आवाज़ सुनकर अन्य उल्लू भी खेत की तरफ आकर्षित हो सकते हैं।
  • चूहे रात में अधिक सक्रीय होते और उल्लू भी रात में ही शिकार करते हैं, इसलिए रात के समय खेत में बहुत ज्यादा रोशनी नहीं होनी चाहिए। यह उल्लू को शिकार करने के लिए बेहतर वातावरण प्रदान करेगा।

इस प्रकार आप उपर्युक्त बताये गये उपायों को अपनाकर अपने खेत की तरफ उल्लू को आकर्षित कर सकते हैं, जिससे चूहों की संख्या को नियंत्रित किया जा सकता है। इस तरीके से आपको किसी प्रकार के हानिकारक रसायन के खेतों में प्रयोग करने की जरुरत नहीं होती है। एक बार उल्लू अगर आपके खेतों में आने लगें तो अनुकूल वातावरण देख कर इसे अपना बसेरा बना सकते हैं, एवं चूहों के समस्या का आपको स्थायी समाधान मिल सकता है।

प्रशांत कुमार
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प्रशांत कुमार
प्रशांत कुमार ट्रैक्टर एवं कृषि क्षेत्र में रुचि रखने वाले एक अनुभवी हिंदी कंटेंट एक्सपर्ट हैं। लेखनी के क्षेत्र में उनका 12 वर्षों से अधिक का अनुभव है। उन्होंने इससे पूर्व में विभिन्न मीडिया हाउसेस के लिए काम किया है। अपने खाली समय में, वे कविता लिखना, पुस्तकें पढ़ना एवं ट्रेवल करना पसंद करते हैं।
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