कृषि

सावधान! कहीं आप खेतों में नकली खाद तो नहीं डाल रहे? जानें कैसे करें असली एवं नकली की पहचान

Updated on 01st April, 2025, By प्रशांत कुमार
शेयर करना
शेयर करना
सावधान! कहीं आप खेतों में नकली खाद तो नहीं डाल रहे? जानें कैसे करें असली एवं नकली की पहचान
कृषि उत्पादकता को बढाने में रासायनिक खाद का बहुत बड़ा योगदान होता है। किसान रासायनिक खाद का प्रयोग कर फसल के विकास के लिए मिट्टी में आवश्यक तत्वों की कमी को पूरा कर बेहतर उत्पादन को सुनिश्चित करते हैं। लेकिन यह तभी संभव है जब किसान अपने फसल में असली खाद का प्रयोग कर रहे हों। लेकिन हाल के दिनों में बहुत सारे ऐसे मामले प्रकाश में आये हैं, जहाँ उर्वरक के नाम पर आपको नकली उर्वरक बेचा जा रहा है। जो ना केवल किसानों को आर्थिक रूप से हानि पहुंचा रहा, बल्कि यह फसलों, खेत की मिट्टी एवं पर्यावरण को भी नुकसान पंहुचा रहा है। ऐसे में बहुत सतर्क रहने की जरुरत है। आपकी थोड़ी सी जागरूकता ना केवल आपके फसल को खाद के नाम पर डाली जाने वाले जहर से बचा सकता है, बल्कि इन कार्यों में लिप्त बेईमानों/ठगों के कारोबार को भी बंद करवा सकता है। हम आज इस आर्टिकल में नकली खाद के उपयोग से होने वाले गंभीर प्रभाव पर चर्चा करने के साथ-साथ उन तरीकों के बारे में भी बात करेंगे, जिसे अपनाकर आप असली एवं नकली खाद की पहचान कर पाएंगे।

भारतीय बाजार में नकली डीएपी, जिंक सल्फेट, यूरिया एवं पोटाश सहित कई उर्वरक बेचे जाते हैं। सबसे पहले नकली खाद के प्रयोग से होने वाले नुकसान की जानकारी सभी किसानों को होनी आवश्यक है। तभी किसान इसकी गंभीरता को समझते हुए सतर्क रहकर खरीदारी करेंगें। तो आइये सबसे पहले जानते हैं, नकली खाद के प्रयोग से क्या-क्या नुकसान हो सकता है।

नकली खाद के प्रयोग से होने वाले गंभीर नुकसान

नकली खाद के प्रयोग से फसलों की क्वालिटी एवं प्रोडक्शन दोनों पर बुरा प्रभाव पड़ता हैं। ऐसे उर्वरक में असली पोषक तत्वों की कमी होती है, एवं इसके इस्तेमाल से मिट्टी की उर्वरता भी खत्म हो जाती है। जिससे किसान द्वारा बोये गये बीज का उपयुक्त विकास नहीं हो पाता है, एवं किसान स्वस्थ फसल से वंचित रह जाने के साथ-साथ उनकी सारी मेहनत बेकार हो जाती है। कई बार, नकली खाद के प्रयोग से पौधों में रोग एवं फसल को नुकसान पहुँचाने वाले कीटों का प्रकोप भी बढ़ जाता है, जो फसल की उत्पादकता को और भी कम करने का काम करता है।

फसल को तो नुकसान पहुंचाती ही है नकली खाद, लेकिन इसके साथ-साथ यह किसानों के स्वास्थ्य को भी प्रभावित करते हैं। यदि किसान इसे बिना सुरक्षा उपायों के इस्तेमाल करते हैं, तो यह उनकी स्किन एवं रेस्पिरेटरी सिस्टम पर भी असर डाल सकता है।

इस प्रकार किसानों को खाद की खरीदारी सतर्क होकर करने की आवश्यकता है। असली या नकली उर्वरकों की पहचान करना सरल तो नहीं है, लेकिन कृषि एक्सपर्ट का कहना है कि किसान थोड़ी सी सावधानी बरत कर नकली एवं असली में भेद कर सकते हैं। 

असली एवं नकली खाद की पहचान कैसे करें?

हमारे किसान थोड़ी सी तत्परता एवं सतर्कता से नकली एवं असली खाद की पहचान कर सकते हैं।खाद खरीदने से पहले नीचे दिये गये बातों का ध्यान रख आप नकली खाद खरीदने से बच सकते हैं

  • उर्वरक/खाद खरीदते समय पैकेजिंग एवं ब्रांडिंग पर ध्यान दें।
  • सर्टिफाइड ब्रांड से ही उर्वरक खरीदना चाहिए।
  • असली खाद की पैकेजिंग बेहतर एवं लिखावट साफ़ होती है, जबकि नकली खाद के पैकेजिंग में धुंधलापन, गंदगी, एवं हल्के रंग की छपाई होती है।
  • असली खाद के पैकेजिंग पर गुणवत्ता प्रमाणपत्र एवं स्टैण्डर्ड को दर्शाने वाले "ISI" या "FSSAI" के चिन्ह होते हैं।
  • असली खाद का रंग सामान्यत: एक समान एवं नेचुरल होता है। यदि उर्वरक का रंग चमकीला, या आर्टिफीसियल या थोड़ा अलग लगे तो ध्यान रहे वह नकली उर्वरक हो सकता है।
  • असली खाद की गंध जहाँ सामान्य एवं प्राकृतिक होती है, वहीँ नकली उर्वरक की गंध बहुत तेज होती है।
  • किसानों द्वारा बहुत अधिक मात्रा में प्रयोग किये जाने वाले असली यूरिया उर्वरक पानी में पूरी तरह से घुल जाता है एवं घोल को छूने पर ठंडेपन की अनुभूति होती है। वहीँ इसको गर्म तवे पर रखने पर यह पूरी तरह से पिघल जाता है एवं आंच तेज करने पर कोई भी अवशेष नहीं बचता है।
  • नकली खाद पानी में ठीक से घुलती नहीं है एवं उसमें अजीब रंग या गंदगी नजर आने लगती है।
  • अगर कोई खाद बहुत सस्ती कीमत पर मिल रही हो, तो हो सकता है कि वह नकली हो।

इस प्रकार थोड़ा सतर्क रहते हुए उपर्युक्त बतायी गयी बातों को ध्यान में रखकर आप नकली खाद को अपने खेतों तक पहुँचने से रोक सकते हैं। इस प्रकार असली एवं नकली खाद के बीच अंतर को समझकर हम अपनी फसल की क्वालिटी एवं प्रोडक्शन को बढ़ा सकते हैं। यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम बाजार में उपलब्ध खाद के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करें एवं सिर्फ सर्टिफाइड प्रोडक्ट्स का ही उपयोग करें, ताकि हम अपनी मेहनत को सही दिशा में लगा सकें एवं एक उज्जवल भविष्य की ओर बढ़ सकें।

प्रशांत कुमार
Published By
प्रशांत कुमार
प्रशांत कुमार ट्रैक्टर एवं कृषि क्षेत्र में रुचि रखने वाले एक अनुभवी हिंदी कंटेंट एक्सपर्ट हैं। लेखनी के क्षेत्र में उनका 12 वर्षों से अधिक का अनुभव है। उन्होंने इससे पूर्व में विभिन्न मीडिया हाउसेस के लिए काम किया है। अपने खाली समय में, वे कविता लिखना, पुस्तकें पढ़ना एवं ट्रेवल करना पसंद करते हैं।
प्रशांत कुमार के बारे में और पढ़ें


पॉपुलर आर्टिकल


कैटेगरी के अनुसार अन्य आर्टिकल

Close

कॉल करें

+91-8925-8521-29
Disclaimer: The Website is only providing services by providing indepth & well-researched information on various vehicles and implements to the Users. If you express your interest in any of the vehicles or implements whose information is provided on the Website, Your details shall be shared as a sales lead for TVS Credit. The Website neither facilitate, in any manner, the purchase and sale of any vehicle or implement whose information is displayed and does not as a 'live/online marketplace' in terms of Information Technology Act, 2000 (as amended from time to time) nor provide loans.
All images displayed on this Website are for illustration and representation purposes only. Actual vehicle, specifications, colors, and features may vary from those shown in the images. Tractorkarvan does not guarantee that the images accurately reflect the final product.