भारत में थ्रेशर मशीन की कीमत 1,88,000* रुपये से शुरू होती है। थ्रेशर 17 – 75 एचपी रेंज के ट्रैक्टर के साथ कम्पैटिबल हैं। वर्तमान में ट्रैक्टरकारवां वेबसाइट पर कुल 95 थ्रेशर लिस्टेड हैं। कुछ पॉपुलर थ्रेशर मॉडल्स महिंद्रा बास्केट थ्रेशर, हरनाम मल्टी क्रॉप बास्केट मॉडल और योद्धा मल्टी क्रॉप थ्रेशर (साइड बास्केट) हैं।
| भारत में इम्प्लीमेंट्स | कीमत शुरू |
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| लैंडफ़ोर्स मल्टी क्रॉप | अधिक जानकारी प्राप्त करें |
| महिंद्रा बास्केट थ्रेशर | ₹4.50 लाख |
| गोल्डन पंजाब डबल फैन पैडी | अधिक जानकारी प्राप्त करें |
| बालाजी डबल शाफ्ट 2.25 FT | अधिक जानकारी प्राप्त करें |
| रीइन्फोर्स व्हीट थ्रेशर | अधिक जानकारी प्राप्त करें |
| कामधेनु मल्टीक्रॉप थ्रेशर | अधिक जानकारी प्राप्त करें |
| योद्धा मिनी पैडी थ्रेशर | अधिक जानकारी प्राप्त करें |
| जंगीर ग्राउंडनट थ्रेसर | अधिक जानकारी प्राप्त करें |
| बंसल BIM 865 | अधिक जानकारी प्राप्त करें |
| डेटा अंतिम बार अपडेट किया गया : 10-Dec-2025 | |
थ्रेशर एक महत्वपूर्ण ट्रैक्टर इम्प्लीमेंट है, जो फसल के डंठल एवं भूसी से अनाज या बीज को साफ या अलग करता है। इसका उपयोग सोयाबीन, मक्का, मटर एवं गेहूं सहित कई प्रकार की फसलों की थ्रेसिंग के लिए किया जा सकता है। थ्रेशर मैन्युअल श्रम की आवश्यकता को कम करके एवं बीज के टूटने को कम करके कृषि उत्पादकता को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जिसके परिणामस्वरूप स्वच्छ, उच्च गुणवत्ता वाला अनाज प्राप्त होता है। पारंपरिक तरीके से थ्रेशिंग की तुलना में मशीनीकृत थ्रेशिंग प्रक्रिया किसानों के लिए समय एवं धन दोनों की बचत करता है। यह न्यूनतम बर्बादी के साथ कुशल बीज पृथक्करण सुनिश्चित करता है।
थ्रेसिंग मशीनों के मुख्य कंपोनेंट्स में ड्राइव पुली, फीडिंग च्यूट, सिलेंडर, स्पाइक्स, फेन या ब्लोअर, फ्लाईव्हील, कंकेव, फ्रेम, लोअर छलनी, ऊपरी छलनी, फ्रेम, सस्पेंशन लीवर, ट्रांसपोर्ट व्हील, शटर प्लेट और कैन पुली शामिल हैं।
थ्रेशर को फसल के प्रकार, फंक्शनल कंपोनेंट्स, थ्रेसिंग सिलेंडर एवं फीडिंग मेकेनिज्म के अनुसार वर्गीकृत किया जा सकता है।
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आधारित |
टाइप |
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क्रॉप |
सिंगल क्रॉप |
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मल्टी क्रॉप |
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फंक्शनल कंपोनेंट्स |
रेगुलर (थ्रू-पुट) |
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ड्रम्मी |
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एक्सियल फ्लो |
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थ्रेसिंग सिलिंडर टाइप |
रस्प बार टाइप |
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हैमर मिल / बीटर टाइप |
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सिंडिकेटर |
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स्पाइक टूथ टाइप |
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फीडिंग मेकेनिज्म |
हरम्बा |
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बास्केट |
किसान आमतौर पर दो प्रकार के थ्रेशर का उपयोग करते हैं:
अन्य लोकप्रिय थ्रेशर प्रकार हैं हराम्बा एवं बास्केट। हराम्बा थ्रेशर में, फीडिंग च्यूट सबसे ऊपर मौजूद होता है, इसलिए किसानों को दिए गए प्लेटफ़ॉर्म पर खड़े होकर कटी हुई फसल को फीड करना पड़ता है। हालाँकि, फीडिंग च्यूट बास्केट थ्रेशर के पीछे मौजूद होता है। इस प्रकार, आप आसानी से एवं सीधे बास्केट थ्रेशर में फसल को पीछे खड़े होकर खिला सकते हैं। इसके अलावा, एक बास्केट थ्रेशर 45+ एचपी ट्रैक्टर के साथ शीर्ष प्रदर्शन प्रदान करता है।
शारीरिक श्रम एवं समय में कमी, समय पर फसल कटाई, बहुउद्देशीय संचालन आदि थ्रेशर के कुछ लाभ हैं। आइए नीचे थ्रेशर के सभी लाभों पर एक नज़र डालें।
मैनुअल श्रम एवं समय में कमी: पारंपरिक थ्रेसिंग विधि श्रम-गहन एवं समय लेने वाली थी। हालाँकि, मशीनीकृत थ्रेशर बड़ी मात्रा में बीज पृथक्करण की प्रक्रिया को बहुत तेज़ी से स्वचालित करते हैं। इससे मैनुअल श्रम की आवश्यकता कम हो जाती है, जिससे खर्च कम होता है एवं किसानों का समय बचता है।
समय पर फसल की कटाई: समय पर कटाई किसानों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। जलवायु परिवर्तन के कारण मौसम के पैटर्न की बढ़ती अनिश्चितता फसल की विफलता के मुख्य कारणों में से एक है। थ्रेशर फसल की कटाई को तेज़ करते हैं, जिससे अप्रत्याशित बारिश या खराब मौसम की स्थिति के कारण नुकसान की संभावना कम हो जाती है।
बहुक्रियात्मक संचालन: आधुनिक थ्रेशर एक ही समय में विभिन्न कार्यों को हैंडल के लिए डिज़ाइन किए गए हैं। ये उपकरण थ्रेसिंग से आगे बढ़कर अनाज को अलग करने, साफ करने एवं कुशलतापूर्वक इकट्ठा करने में सक्षम हैं। यह उन्हें उन किसानों के लिए एक बेहद उपयोगी, बहुउद्देश्यीय उपकरण बनाता है जो खेत में समय एवं प्रयास बचाना चाहते हैं।
तकनीकी उन्नति: मशीनीकृत थ्रेशर अब तकनीकी रूप से अधिक उन्नत हो गए हैं। इन उपकरणों को फसल-विशेष के लिए डिज़ाइन किया गया है, जो उन्हें बेहतर सटीकता एवं देखभाल के साथ गेहूं, चावल एवं मक्का जैसी विभिन्न फसलों को संभालने की अनुमति देता है। सुधार किसानों के लिए मैनुअल श्रम को कम करने एवं उत्पादकता को बढ़ावा देने के साथ-साथ दक्षता में सुधार करने के लक्ष्य के साथ किए गए थे।
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मॉडल्स |
आवश्यक ट्रैक्टर (एचपी) |
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30+ |
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35+ |
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35-50 |
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40 |
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40-50 |
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40-65 |
नोट- कृषि थ्रेशर मशीन ट्रैक्टर के पावर टेक-ऑफ (PTO) से जुड़ी होती है। इसलिए, किसी भी थ्रेशर मॉडल को चुनने से पहले हमेशा अपने ट्रैक्टर के PTO HP पर विचार करें।
भारत में थ्रेशर की कीमत रूपये 1,88,000* से शुरू होती है। थ्रेशर मशीन की कीमत उसके आकार, क्षमता एवं ब्रांड जैसे कारकों के आधार पर भिन्न हो सकती है। साथ ही, ध्यान देने वाली बात यह है कि मल्टी क्रॉप थ्रेशर की कीमत आमतौर पर अधिक होती है, क्योंकि यह विभिन्न प्रकार की फसलों को थ्रेश करने के लिए अधिक बहुमुखी तंत्र के साथ आता है। थ्रेशर की कीमतें मशीन में दिए जाने वाले ब्लोअर या पंखे के आधार पर भी भिन्न-भिन्न हो सकती हैं।
आप हमारे प्लेटफ़ॉर्म पर नवीनतम ट्रैक्टर थ्रेशर की कीमत आसानी से देख सकते हैं। हम थ्रेसर पर भी इम्प्लीमेंट लोन उपलब्ध कराते हैं, ताकि आप उन्हें आसान ईएमआई पर देखें सकें।
ट्रैक्टरकारवां पर, आपको महिंद्रा थ्रेशर, मानकु थ्रेशर एवं स्वराज थ्रेशर सहित टॉप थ्रेशर ब्रांडों से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारी मिलेगी। इस जानकारी में थ्रेशर मशीन की कीमत, सुविधाएँ, स्पेसिफिकेशंस आदि शामिल हैं। हम दो अलग-अलग थ्रेशर मॉडल की तुलना करने में मदद करने के लिए एक तुलना उपकरण फीचर्स भी प्रदान करते हैं। आप थ्रेशर को चलाने के लिए आवश्यक ट्रैक्टर पॉवर की जाँच कर सकते हैं, ताकि आप एक कम्पैटिबल मॉडल चुन सकें। थ्रेशर उपकरणों के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए आप ट्रैक्टरकारवां पर थ्रेशर इम्प्लीमेंट वीडियो देख सकते हैं।
भारत में थ्रेशर की कीमत रूपये 1,88,000* रुपये से शुरू होती है।
थ्रेशर मशीन का उपयोग कर किसान कम श्रम एवं समय में गुणवत्तापूर्ण बेहतर अनाज प्राप्त कर सकते हैं।
थ्रेसर 17 – 75 एचपी रेंज के ट्रैक्टरों के साथ कम्पैटिबल हैं।
फसल के प्रकार, फंक्शनल कंपोनेंट्स, थ्रेसिंग सिलेंडर एवं फीडिंग मैकेनिज्म जैसे विभिन्न कारकों के आधार पर कई प्रकार के थ्रेशर होते हैं। हालाँकि, सिंगल-क्रॉप थ्रेशर एवं मल्टीक्रॉप थ्रेशर सबसे आम प्रकार हैं।